आष्टा जिला सीहोर मध्य प्रदेश से राजीव गुप्ता की रिपोर्ट

गीता पवित्र सत्य ग्रंथ है जो अध्यात्म ज्ञान का कोष है यह ग्रंथ मात्र हिंदुओ का नहीं समूचे विश्व का ग्रंथ है जिसकी उत्पत्ति लगभग 5500 वर्ष पूर्व महाभारत युद्ध के समय हुई थी, विद्वानों ने गीता को पांचवा वेद भी कहा है मूल गीता में 18 अध्याय तथा 700 से अधिक श्लोक है समय अनुरूप विश्व का कई विद्वानों ने मूल गीता पर अपनी अपनी टीका से गीता को समझने समझाने के सद प्रयास किए है ।

परमात्मा की सत्य साधना करने के लिए सर्वप्रथम गुरु का होना आवश्यक है , आदि शंकराचार्य जी का जन्म ईस्वी सन के 508 वर्ष पुर्व हुआ, 8 वर्ष की आयु में उन्हें उपनिषदों का ज्ञान हो गया था फिर भी 16 वर्ष की आयु में उन्होंने एक विरक्त साधु से दीक्षा ली जो एक गुफा में रहते थे उसी महात्मा ने उन्हें बताया की “जीव ही ब्रह्म है” जिस प्रकार आदि शंकराचार्य को एक गुरु ने राह दिखाई वैसे ही आज तत्व दर्शी गुरु को अपने अपने जीवन में धारण करना चाहिए, आज कई लोग धर्म की त्रुटि पूर्ण व्याख्या कर स्वयं का प्रयोजन तो पूर्ण कर लेते है पर धर्म को हानि पहुंचाते है इस बिंदु पर सतर्कता आवश्यक है।

मानस भवन आष्टा में संत राम पाल जी महाराज के सैकड़ों दीक्षित नर नारी में उपस्थित हुए जहां व्यवस्था पको ने आधुनिक संचार व्यवस्था कर ऑन लाइन प्रवचन संत श्री के सुनवाए। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव पूर्व नपाध्यक्ष कैलाश परमार समाज सेवी सुनील जैन प्रगति जिला पंचायत के सदस्य कमल सिंह चौहान जनपद पंचायत के पूर्व अध्यक्ष बापूलाल मालवीय पार्वती गौ शाला के अध्यक्ष पूर्व पार्षद नरेंद्र कुशवाह केमिस्ट सूर्य प्रकाश परमार इस आयोजन में विशेष आमंत्रित के रूप में उपिस्थत रहे जिनका आयोजन समिति की ओर से संतोष दास विश्वकर्मा ,अक्षय दास, माधवदास , मेहरबान दास , पवन दास आदि ने जीवन उपयोगी पुस्तकें भेंट कर आत्मीय स्वागत किया, कार्यक्रम में विशेष रूप से उपिस्थत कैलाश परमार ने कहा की तत्वदर्शी संत को प्रसारण के माध्यम से सुनना नई जानकारियां दे गया , लगभग 1000 से ऊपर नर नारी जितने अनुशासन बद्ध होकर सेवा युक्त सत्संग कर रहे थे उन सब के दर्शन करना आत्म विभोर कर गया। संत कबीर के दर्शन को आगे बढ़ाने के लिए संत श्री रामपाल जी जो कार्य अपने शिष्यों के द्वारा कर रहे है उससे समाज में व्याप्त कई बुराइयों से मुक्ति मिलेगी संत राम पाल जी महाराज से जुड़े सभी भक्त जन सभी प्रकार के नशे से दुर रहते है उनका यह कार्य अनुकरणीय है

