रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
नदी, कुएं, तालाब, बावड़िया आदि की सफाई के लिए जनभागीदारी से होंगी गतिविधियां
जनप्रतिनिधियों के नेतृत्व में चलेगा अभियान, कलेक्टर करेंगे समन्वय मुख्यमंत्री ने मीडिया के लिए जारी संदेश में दी जानकारी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि 5 जून पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी पर्व तक जलस्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन के लिए संपूर्ण प्रदेश में अभियान चलाया जाएगा। दस दिन की अवधि में हर जिले में जल के स्रोतों, जैसे नदी, कुएं, तालाब, बावड़ियों आदि को स्वच्छ रखने और आवश्यकता होने पर उनके गहरीकरण के लिए गतिविधियां संचालित की जाएंगी। यह कार्य जनसहभागिता से होगा। इससे जल स्रोतों के प्रति सामाजिक चेतना जागृत करने और जनसामान्य का जल स्रोतों से जीवंत संबंध विकसित करने में मदद मिलेगी। गंगा दशमी पर्व माँ गंगा का अवतरण दिवस है और माँ गंगा से ही भारतीय संस्कृति विश्व में जानी जाती है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इस अभियान का नेतृत्व जनप्रतिनिधि करेंगे और जिला कलेक्टर गतिविधियों का समन्वय करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया के लिए जारी संदेश में यह बात कही।
“जल ही जीवन है” केवल स्लोगन नहीं, हम जल स्रोतों से ही जीवन पाते हैंमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी सामाजिक, शासकीय, अशासकीय संस्थाओं, जन अभियान परिषद से जुड़े संगठनों से अभियान में शामिल होने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता से जल संरचनाओं का चयन किया जाए और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए सघन जनजागृति के कार्यक्रम चलाए जाएं। इससे भविष्य के लिए जल संरक्षण के संबंध में कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी। इस अवधि में होने वाले धार्मिक मान्यताओं के कार्यक्रम जैसे उज्जैन की क्षिप्रा परिक्रमा, चुनरी उत्सव, नर्मदा जी के किनारे होने वाले धार्मिक कार्यक्रम भी पूरी श्रद्धा के साथ आयोजित किए जाएं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 212 से अधिक नदियां हैं, पेयजल की आपूर्ति में नदियां, बावड़ियां, कुएँ व तालाब महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, “जल ही जीवन है” केवल स्लोगन नहीं है, यह जल स्रोतों की हमारे जीवन में भूमिका से स्पष्ट होता है। हमारी यह पीढ़ी इन जल संरचनाओं की महत्ता से परिचित हो, हमारा संबंध जल संरचनाओं से अधिक प्रगाढ़ हो, यही इस अभियान का उद्देश्य है। जल संरचनाओं को जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अभियान के दौरान नदियों और तालाबों से गाद या खाद के रूप में निकलने वाली मिट्टी, किसानों को खेतों में उपयोग के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।जल संरचनाओं पर किये गये अतिक्रमणों को जिला प्रशासन द्वारा मुक्त हटाया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।
अभियान के संबंध में अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं। प्रारंभिक रूप से यह अभियान 5 से 15 जून तक चलाया जाएगा। इसके बाद अभियान की अवधि बढ़ाई जा सकती है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आशा है कि इस वर्ष पर्यावरण दिवस से गंगा दशमी तक सबकी सहभागिता के साथ पेयजल स्रोतों के संरक्षण के लिए प्रभावी कार्य होंगे जो हमें गौरवान्वित होने का अवसर प्रदान करेंगे।