रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
वैसे तो म. प्र. ” अजाक्स ,, संगठन कर्मचारियों के हित एवं अधिकार तथा जनहितैषी मुद्दों पर , हमेशा प्रकाश डालते हुए ,शासन प्रशासन के संज्ञान में लिखित रूप से ज्ञापन देने का कार्य लगातार कर रहा है , और देर-सबैर, शासन प्रशासन स्तर से जनहित की समस्याओं का निराकरण भी होता है। इसलिए संगठन की ओर से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री जी को बहुत-बहुत धन्यवाद ज्ञापित करते हैं।

मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति, जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संगठन (अजाक्स) भोपाल संभाग के अध्यक्ष बंशीलाल धनवाल ने बताया कि मध्यप्रदेश में पिछले 6 -7 वर्ष से सभी अधिकारी कर्मचारियो की पदोन्नति बंद है। इस कारण प्रदेश के करीब 80 – 90 हजार से ज्यादा अधिकारी कर्मचारी , सेवा में रहते हुए उनके अंतिम पड़ाव में बगैर पदोन्नति के ही सेवानिवृत हो गए हैं ,जबकि क्रमोन्नति नियम जारी है।

पदोन्नति बंद होने के कारण माननीय मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के अधिकारी कर्मचारी को उच्च पद प्रभार दिए जाने के निर्देश दिए । इसी श्रृंखला में प्रत्येक विभाग के अधिकारी कर्मचारियो को उच्च पद प्रभार मिलने लगा है। लेकिन प्रदेश का एक बहुत बड़ी संख्या बल लिपिक वर्ग कर्मचारी संवर्ग , उच्च पद प्रभार से अभि तक वंचित है।

श्री धनवाल ने कहा कि इन्ही लिपिक संवर्ग ने शासन के निर्देशानुसार उच्च पद प्रभार प्रक्रिया को पूरी तरह से क्रियान्वित कर सफल बनाने का काम प्रदेश में किया है, और यही संवर्ग इस लाभ से वंचित है ,जो कि न्यायोचित नहीं है। एक मुहावरा है कि ” पीसने वाले ही भूखे रहे ,,। यही लिपिक संवर्ग के साथ हो रहा है। जोकि प्राकृतिक न्याय सिद्धांतों के विपरीत है। मध्यप्रदेश अजाक्स भोपाल संभाग के अध्यक्ष बंशीलाल धनवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जी, मुख्य सचिव जी, तथा प्रमुख सचिव जी, सामान्य प्रशासन विभाग से मांग की है कि प्रदेश के लिपिक संवर्ग के कर्मचारियो को भी उच्च पद प्रभार का लाभ दिया जाए।।

