वीआईटी यूनिवर्सिटी ने उक्त घटना पर अनेक विधार्थियों को टीसी दी थी , कमेटी 13 बिंदुओं पर जांच करेगी
रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी
आष्टा। आष्टा अनुविभाग के कोठरी में भोपाल के नाम पर संचालित वीआईटी यूनिवर्सिटी के छात्रावास में नहाते समय कुछ छात्राओं के वीडियो बनाएं गए और उनको वायरल भी कर दिया था। उक्त वीडियो वायरल होने पर संबंधित छात्राओं को काफी परेशानी के साथ मानसिक तनाव रहा। इस मामले की जब वीआईटी यूनिवर्सिटी प्रबंधन को शिकायत की गई तो प्रबंधन ने वीडियो बनाने वालों पर कार्रवाई करने के स्थान पर छः दर्जन से अधिक छात्र-छात्राओं को निलंबित कर दिया। जिसमें एक दर्जन को स्थाई निलंबन एवं अन्य को छः महीने व बारह महीने के लिए निलंबित कर अध्ययन करने से वंचित कर दिया ना तो उक्त घटनाक्रम की जांच कराई और ना ही नोटिस दिया गया।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इस मामले को उठाया था तथा चेतावनी के पश्चात भी जब कारवाई नहीं की गई तो उन्होंने वीआईटी यूनिवर्सिटी के गेट पर धरना दिया तो लठ से हमला करा दिया। प्रबंधन ने पालकों को बुलाकर दबाव बनाने का प्रयास कर उनके बच्चों का भविष्य खराब करने की बात कही ,ऐसा पहली बार नहीं हुआ है ।
अनेकों बार इस प्रकार प्रबंधन मनमानी कर चुका है।इस मामले को महामहिम राज्यपाल मंगु भाई सी पटेल ने गंभीरता से लेकर चार सदस्यीय जांच समिति बनाई है। जांच समिति 13 बिंदुओं पर जांच करेगी।वीआईटी यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने कुछ विद्यार्थियों को टीसी भी थमा दी थी, उन्हें शैक्षणिक सत्र के बीच में ही घर बैठा दिया। सूत्रों के अनुसार निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग ने निर्धारित छात्र पंजीयन एडमिशन संख्या शुल्क, निर्धारित फीस स्ट्रक्चर ,हॉस्टल, कैंटीन, संचालित कोर्स को मान्यता तथा किस – किस संकाय में एडमिशन है और उनकी फैकल्टी की नियुक्ति में काफी गड़बड़ियां पकड़ी है। सूत्रों के अनुसार वीआईटी यूनिवर्सिटी में आयोग द्वारा कुलगुरु की नियुक्ति भी अयोग्य करार दी है।इन सभी मामलों की शिकायत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्यपाल मंगु भाई सी पटेल से की थी।
राज्यपाल श्री पटेल ने इस मामले में आयोग को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए । इसके पश्चात चार सदस्यी जांच कमेटी गठित की गई ।कमेटी का अध्यक्ष हमीदिया कॉलेज के प्रोफेसर अनिल शिवानी को बनाया है।अन्य सदस्यों में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ संगीता जैन,एमबीएम कॉलेज भोपाल के प्रोफेसर संजय दीक्षित एवं भेरुलाल पाटीदार पीजी कॉलेज महू के प्रोफेसर मनोहर दास सोमानी को शामिल किया है। जांच के आदेश आयोग के सचिव प्रोफेसर केपी साहू द्वारा दिए गए हैं। जांच के लिए यह बिंदु निर्धारित वीआईटी में पीने के पानी की पर्याप्त सुविधा नहीं है। छात्रों को पानी बाहर से खरीदना पड़ता है और विरोध करने पर उन्हें धमकाकर सस्पेंड कर दिया जाता है। कई बार अत्याधिक पेनल्टी भी लगाई जाती है। वीआईटी विश्वविद्यालय में छात्रों को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे परेशान होकर कुछ विद्यार्थी आत्महत्या करने के लिए मजबूर हुए हैं।
हनुमान चालीसा पढ़ने पर छात्रों पर जुर्माना लगाया जाता है और धमकाया जाता है। उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है। जो व्यक्तिगत धार्मिक स्वतंत्रता का खुला उल्लंघन है। उक्त बिदुओं पर कमेटी जांच करेगी।