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सी.एम. राइज़ स्कूल में बालिकाओं को दिया जा रहा योग का विशेष प्रशिक्षण जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत ली जल शपथ, श्रमदान भी किया

रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी

आष्टा।नगर के सी.एम. राइज शासकीय उत्कृष्ट उमावि आष्टा में प्रतिदिन विद्यालय की शुरूआत योग क्रियाओं से की जा रही है। विशेषकर बालिकाओं के लाभ के लिए विशेष योग शिक्षा प्रदान कर योग मुद्राएं करवाई जा रही है। सी.एम. राइज़ स्कूल आष्टा के प्राचार्य सितवत खान ने बताया कि योग एक समग्र अभ्यास है, जो शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास पर आधारित है। योग शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाना है, जो हमारे संपूर्ण अस्तित्व के लिए संतुलन एवं स्वास्थ्य देता है। यह शारीरिक लचीलापन, शक्ति और संतुलन बढ़ाता है, और इसके साथ ही यह ध्यान और जागरूकता पर केंद्रित है, जिससे मानसिक शांति मिलती है, तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती हैं। इसके साथ ही योग से आंतरिक शक्ति एवं चेतना से जुड़ने में सहायता मिलती है।

विद्यालय में बालिकाओं को प्रतिदिन विद्यालय की शिक्षिकाएं पदमा परमार, नीता जैन और सुनंदा वर्मा योग की न केवल सैद्धांतिक शिक्षा प्रदान कर रही है, बल्कि उनकों नियमित रूप से योग की विशेष मुद्राएं भी करवाती है।

सूर्यनमस्कार शरीर को मजबूत बनाता है, वजन कम करने में मदद करता है और मासिक धर्मचक्र को नियमित करने में भी मदद करता है। भ्रामरी प्राणायाम, कपालभाति, तितली आसन, ताड़ासान, नौकासन, जम्पिंगजैक एक्सरसाइज, चक्कीचलनासन, एवं प्लैंक एक्सरसाइज करने से बालिकाओं का मन शांत रहता है, याददाश्त बढ़ती है, पेल्विक एरिया के मसल्स मजबूत होते है, रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और रक्तपरिसंचरण बेहतर होता है।

ह्रदय स्वास्थ्य में सुधार होता है और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव मे मदद मिलती है। योग करने से विद्यार्थियों में एकाग्रता का विकास भी होता है, जिससे उनकों अध्ययन में भी मदद मिलती है। बालिकाओं के अतिरिक्त विद्यालय के सभी शिक्षक एवं बालक भी प्रतिदिन योगाभ्यास करते है। इसके पश्चात ही अध्यापन एवं अन्य कार्य किए जाते है।

विद्यालय में जलगंगा संवर्धन अभियान के तहत पृथ्वी दिवस पर जल शपथ दिलवाई गई, जिसमें पानी बचाने, उसके विवेकपूर्ण उपयोग कर जल को संरक्षित करने के लिए प्रेरित किया गया। प्राचार्य सितवत खान ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति से हमे उतना ही लेना चाहिए जिससे हमारी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो सकें और हमारी आदते पर्यावरण अनुकुल बनाने के लिए हम प्रयास करते रहें। विद्यालय के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने विद्यालय परिसर में श्रमदान किया एवं प्लास्टिक और अन्य प्रदूषकों को हटाया।

इसके साथ ही वर्षाजल संचयन के लिए रेनवॉटर हार्वेसटिंग सिस्टम को ठीक किया। जलगंगा संर्वधन अभियान में विद्यालय में मटकों की व्यवस्था, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर एवं रंगोली प्रतियोगिता, परिचर्चा एवं संवाद, मेंहदी प्रतियोगिता, टंकियों की सफाई आदि कार्य भी किए गए। योग एवं जलगंगा संवर्धन अभियान में संस्था के शिक्षक असमा खानम, अंत्येश धारवां, सम्राट ढोके, रघुवीर सिंह, राखी पोहाने, गौतम चौरसिया, जितेन्द्र धनवाल, अमिता सोनी, भूपेन्द्र शिंदे, धर्मेन्द्र मेवाड़ा, पदमा परमार, जितेन्द्र मेवाड़े, लीला भिलाला, जितेन्द्र आर्य, नमिता लोवंशी, पवन कुमार राया, निहायत मंसूरी, मोनिका जैन, नेहा अंसारी, मनोज कलमोदिया, मो. इमरान, उर्मिला यादव, दीक्षा खंडेलवाल, राम सिंह, विनय कुमार तिवारी, डॉ. तेजपाल सिंह, अभिलाषा श्रीवादी, सपना यादव, वीरेन्द्र सिंह, डॉ. स्मिता नायर, मुन्नीदेवी दोहरे, संदीप जायसवाल, हेमेन्द्र पाटीदार, आराधना चन्द्रवंशी, प्रकाश यादव, आशा रावत, कृतिका वर्मा, नीता जैन, रामेश्वर दामड़िया, विजय हाटेकर, निर्मलदास बैरागी, जितेन्द्र कुमार वर्मा, हेमंत मेवाड़ा, दिनेश गहरवाल, सतीश वर्मा, धीरज शर्मा, राजेश मालवीय, मनोज कुमार बड़ोदिया, गौरीशंकर मालवीय, वंदना सोलंकी, शशि बिंजवा, हुकुमचंद, अनिल पटेल, ज्योति मंडलोई, ज्योति चौहान, डी.एस. मांडवा, मुकुंद सिंह बरोड़िया, विजय अडगले, कमलेश वर्मा, ज्ञान सिंह मेवाड़ा, एस.के. सिंगारिया, राजेश राठौर आदि की विशेष भूमिका रही।

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