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बैंक द्वारा दिये गये ऋण की अदायगी के चैक अनादरण मामले में न्यायालय ने किया आरोपी को दोषमुक्त

न्यायालय ने माना कि बैंक को उसके विधिक ऋण की अदायगी हेतु अभियुक्त ने अपने खाते का चैक जारी नहीं किया था।

रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी

*आष्टा न्यायालय में चैक अनादरण के मामले में माननीय न्यायाधीश श्रीमान नदीम जावेद खान साहब न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी आष्टा ने अभियुक्त धन सिंह पिता घीसुलाल मालवीय निवासी पारोलिया पार तहसील आष्टा को दोष मुक्त किया है।

प्रकरण इस प्रकार है कि एच डी एफ सी बैंक शाखा आष्टा ने अभियुक्त के विरुद्ध चैक अनादरण का प्रकरण माननीय न्यायालय में प्रस्तुत किया था कि अभियुक्त ने दिनांक 01/12/2013 को एच डी एफ सी बैंक से लिए गए ऋण की वसूली के लिए आंशिक भुगतान हेतु अपने खाते का एक चैक 10/04/2018 को बैंक के पक्ष में जारी किया था। जो बैंक द्वारा प्रस्तुत करने पर अनादृत हो गया था ।

एच डी एफ सी बैंक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से माननीय न्यायालय में धन सिंह पिता घीसुलाल मालवीय निवासी पारोलिया पार तहसील आष्टा के विरूद्ध धारा 138 परक्राम्य लिखत अधिनियम, में परिवाद पेश किया । न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने एवं साक्ष्य संग्रहित कर अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता योगेश पटेल के तर्कों से सहमत होकर इस निष्कर्ष पर अभिमत दिया कि बैंक द्वारा प्रस्तुत परिवाद पत्र में उल्लेखित चैक की राशि का बैंक द्वारा स्पष्टीकरण कर साबित नहीं हो सका, बैंक माननीय न्यायालय में अपना दावा सिद्ध नहीं कर पाया, न्यायालय द्वारा अभियुक्त को चैक अनादरण के आरोप से दोषमुक्त किया गया। प्रकरण में अभियुक्त की और से अधिवक्ता योगेश पटेल (ताजपुरा) द्वारा पैरवी की गई । ‎

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