रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी

नगर में परंपरा अनुसार हर वर्ष की तरह रंग गुलाल का त्योहार इस बार छह दिन मनाया जावेगा।किंवदंती है कि यह त्योहार राक्षस हिरण्यकश्यप पर भगवान नरसिम्हा की विजय का जश्न मनाता है, जो बुराई पर धार्मिकता की जीत का प्रतिनिधित्व करता है। होली की ऐतिहासिक कथा होली प्रेम और साहस की कथाओं को समेटे हुए है।

भगवान विष्णु के प्रति प्रहलाद की अटूट भक्ति के कारण उसके पिता को क्रोध आया, जिसके कारण होलिका ने एक विश्वासघाती योजना बनाई. हालांकि, दैवीय हस्तक्षेप ने बुराई को विफल कर दिया, जिससे होलिका दहन की शुरुआत हुई और अंधकार पर अच्छाई की जीत का स्थायी उत्सव मनाया गया।नगर में करीब 90 से 100 जगह होलिका दहन किया जावेगा ।

सोमवार की सुबह5:00 बजे से ही होलिका दहन का सिलसिला जारी होगा ।होलिका दहन की पूजा पाठ के बाद ढोल बाजे के साथ नगर में जहां भी साल भर में गमी हुई है नागरिक प्रत्येक घर जाकर रंग दल कर गमी को समाप्त करेंगे।इस हेतु बकायदा हिंदू उत्सव समिति ने लिस्ट जारी की है।

29 तारीख को नगर में ख्याति प्राप्त कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा महादेव की होली जो की पहले नवाबों की होली मानी जाती थी उसका नाम बदलकर महादेव की होली मनाई जावेगी जो नगर के प्रमुख मार्गो से होते हुए विशाल जनसमूह में निकलेगी।नगर के प्रमुख संगठन हिंदू उत्सव समिति,सकल हिंदू समाज एवम सामाजिक संगठनों ने होली के त्योहार को आपसी भाई चारे,सद्भाव के साथ मनाने की अपील की हे। प्रशासन ने भी अपनी तरफ से पूरी तैयारी की हुई है।

