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श्वेतांबर जैन समाज के आठ दिवसिय पर्यूषण महापर्व प्रारंभ, स्थानक वालों के पर्यूषण महापर्व आज से शुरू होंगे

रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी

आष्टा। श्री जैन श्वेतांबर धर्मलंबियों के आठ दिवसी पर्युषण महापर्व शनिवार से प्रारंभ हो गए हैं वहींदूसरी ओर स्थानकवासियों के पर्यूषण पर्व 1सितंबर रविवार से शुरू होंगे। किला एवं गंज मंदिर आदि में नित्य ही प्रतिमाओं की सुंदर अंग रचना भी की जाएगी। साथ ही श्रद्धालुओं द्वारा वीर प्रभु की आराधना ,तप, पूजा, प्रतिक्रमण ,कल्पसूत्र का वाचन आदि कार्यक्रम भी होंगे । आठ दिनों तक श्रद्धालु आत्म शुद्धि के मार्ग पर चलेंगे।जैन धर्म लंबियों का पर्यूषण महापर्व की श्रेणी में आता है। मंदिरों पर आकर्षक विद्युत साज -सज्जा भी की गई है।यह एक ऐसा महापर्व है जो जैन धर्म को मानते हैं वह अपने जीवन पर चिंतन करते हैं। और सभी से साल भर में हुई गलतियों के लिए हाथ जोड़कर क्षमा भी मांगते हैं।

स्थानक वालों के 1 सितंबर से आठ दिवसीय पर्यूषण महापर्व होंगे प्रारंभ, 2 सितंबर को पौथाजी का वरघोड़ा निकलेगा 4 सितंबर को महावीर प्रभु का जन्म वाचन समारोह मनाया जाएगा। बुधवार 4 सितंबर को श्री महावीर प्रभु का जन्म वाचन समारोह सभी धार्मिक स्थलों पर मनाया जाएगा। वहीं पौथाजी का वरघोड़ा सोमवार 2 सितंबर को किला मंदिर से प्रारंभ होगा तथा शनिवार 7 सितंबर को चैत्य परिपाटी का जुलूस एवं शाम को संवत्सरी प्रतिक्रमण सभी श्रावक -श्राविकाओं द्वारा किया जाएगा। श्री मालव गिरनार आष्टा तीर्थाधिपति श्री नेमिनाथ भगवान मंदिर किला, श्री महावीर स्वामी भगवान मंदिर गंज, श्री सीमंधर स्वामी भगवान दादाबाड़ी कन्नौद रोड एवं श्री महावीर भवन स्थानक गंज आष्टा में आठ दिवसीय पर्यूषण महापर्व उत्साह एवं बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाए जाएंगे। महावीर भवन स्थानक में चातुर्मास हेतु विराजित जिन शासन गौरव अध्यात्म योगी आचार्य प्रवर उमेश मुनि जी अणु ,धर्मदास गणनायक आगम विशारद ,बुद्ध पुत्र, क्रिया निष्ठ प्रवर्तक गुरुदेव जिनेंद्र मुनि जी महाराज साहब की आज्ञानुवर्ती महासती किरण बाला जी, स्वाध्याय प्रेमी महासती शीतल जी,तत्वजिज्ञासु महासती रेणु प्रभा जी, सेवाभावी महासती अनंतगुणा जी एवं महासती कृतज्ञा श्रीजी महाराज साहब ठाणा 5 की पावन निश्रा में 1 सितंबर रविवार से प्रारंभ होंगे।

गंज और किला मंदिर पर नित्य सुबह 5.30 बजे राई प्रतिक्रमण,6.30 बजे देवसी प्रतिक्रमण, प्रभु भक्ति रात्रि 8 बजे से तथा प्रभु की प्रतिदिन भव्य अंगरचना तीनों मंदिरों में होगी। गंज मंदिर में आराधना कराने के लिए श्री अखिल भारतीय स्वाध्याय महासंघ मालवा के शुभम राठौड़ इंदौर, दीपेश जैन बड़ौद तथा किला मंदिर पर आराधना कराने श्री वर्धमान जैन तत्व ज्ञान केन्द्र चैन्नई के स्वाध्याय बंधु संजय गुरुजी एवं गौतम भाई पधारे हैं। पर्यूषण पर्व के पहले दिन उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं से कहा कि धन की कमाई के साथ धर्म की कमाई भी करना चाहिए। धर्म की कमाई का पर्यूषण पर्व विशिष्ट अवसर के रूप में मिला है ।जीवन में धर्म का आचरण होना चाहिए। कोई भी किसी के पापों को नहीं लेता है,आपके द्वारा किए गए पापों का फल आपको ही भोगना है। मरते दम तक किसी की सहायता न लेना पड़े, बीमार न हो उसके लिए सभी को जीव दया का कर्तव्य निभाना चाहिए। धर्म करने से जागृति आती है। आप जिसको जो देंगें, वही आपको मिलेगा। किसी को आप दुख दोगे तो वापसी में आपको दुख ही मिलेगा। सुख दोगे तो सुख ही मिलेगा। भरत महाराजा जब भोजन करते थे तो ढोल -नगाड़ा बजाकर करते थे। ताकि सभी लोग जो भोजन करना चाहते हैं आ जाए। यह उनकी साधार्मिक भक्ति थी और अनुकंपा दान भी था।

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