रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी

नवदुर्गा उत्सव समिति बुधवारा की मनोहारी प्रतिमा दर्शन
नव दुर्गा उत्सव समिति बुधवारा में ग्राम पडलिया से पधारे पंडित शिवनारायण शर्मा ने हमारे प्रतिनिधि को बताया की नवरात्रि के दूसरे दिवस ब्रह्मचारिणी देवी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय एवं अत्यंत भव्य हैं।

इनके दाहिने हाथ में जप की माला एवं बाएं हाथ में कमंडल रहता हैं। अपने पूर्व जन्म में जब ये हिमालय के घर में पुत्री रूप में उत्पन्न हुई थीं तब नारद के उपदेश से इन्होने भगवान शंकर जी को पति रूप में प्राप्त करने के लिए अत्यंत कठिन तपस्या की थी।

नवदुर्गा उत्सव समिति बड़ा बाजार आष्टा की मनोहारी प्रतिमा दर्शन
नगर में नवरात्रि की शुरुआत हुई, 9 दिन तक हवन पूजा एवं भक्ति में डूबे रहेंगे आज शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन है और इस दिन मां दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्माचारिणी की पूजा-अर्चना की जाती है।

नवदुर्गा उत्सव समिति गंज चौराहा की मनोहारी प्रतिमा दर्शन
मां ब्रह्माचारिणी के नाम में ही उनकी शक्तियों की महिमा का वर्णन मिलता है। ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ होता है आचरण करने वाली। अर्थात तप का आचरण करने वाली शक्ति को हम बार-बार नमन करते हैं।

नवदुर्गा उत्सव समिति कुम्हार मोहल्ला की मनोहारी प्रतिमा दर्शन
माता के इस स्वरूप की पूजा करने से तप, त्याग, संयम, सदाचार आदि की वृद्धि होती है। जीवन के कठिन से कठिन समय में भी इंसान अपने पथ से विचलित नहीं होता हैअनार देवी का पसंदीदा फल माना जाता है. -नवरात्रि के दूसरे दिन आप ब्रह्मचारिणी माता की पूजा-अर्चना करने के साथ ही उन्हें चीनी-मिश्री का भोग लगा सकते हैं.

माता को पान-सुपारी भी अर्पित कर सकते हैं. इसके साथ ही माता को सेब का फल अत्यंत प्रिय है,

इसलिए आप सेब का भोग लगा सकते हैं।

नगर में लगभग 24 स्थानों पर मां दुर्गा एवम कालिका की आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित की गई हे हमारा प्रयास हे की सभी के दर्शन करवाए जाए प्रतिदिन के दर्शन का प्रयास किया जायेगा।





