रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी

आष्टा। शहीद भगत सिंह शासकीय स्नातक महाविद्यालय, आष्टा में शासन के निर्देशानुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डाॅ. कृपाल सिंह विश्वकर्मा ने की उन्होंने अपने विचार व्यक्त करेते हुए बताया कि कर्म ही सर्वश्रेष्ठ है अतः हमें कर्मकरते रहना चाहिए तथा फल कर्म पर छोड़ देना चाहिए। श्री कृष्ण ने अपने जीवन को तपाया आज हर कोई अपने बच्चे को कृष्ण बनाना चाहता है, और उनका नाम कृष्ण रखता है, पर उनकी तरह तपाता कोई नहीं है। कार्यक्रम प्रभारी डाॅ. बेला सुराणा ने कहा कि श्री कृष्ण का जीवन लीलाओं से भरपूर था। जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव से व्यक्ति को समभाव में रहते हुए कार्य करते रहना चाहिये श्री जगदीश नागले ने बताया कि जब महाभारत के युद्ध में अर्जुन कर्तव्य विमूढ़ हो गए थे, तब श्री कृष्ण ने अपना सुदर्शन चक्र उठा लिया और अर्जुन को कर्म करने की प्रेरणा दी।

उन्होंने द्रोपदी के चीर हरण के समय भाई बनकर उनकी रक्षा की। डाॅ. ललिता राय द्वारा बताया कि शासन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उद्देश्य यही ही है कि छात्र-छात्राओं को हमारी धर्म और संस्कृति से जोड़ना है। कार्यक्रम की गतिविधियों में छात्राओं द्वारा श्री कृष्ण के बालस्वरूप को दर्शाते हुए पलना झुलवाया गया। कार्यक्रम का आभार श्री जयपाल विश्वकर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम में श्री नफीस अहमद, डाॅ. ललिता राय, कु. शिवानी, डाॅ. मेघा जैन, श्री जगदीश नागले, श्री मुकेश परमार, श्री राजेश्वर भूतिया, श्री वैभव सुराणा, कु. दीक्षा सूर्यवंशी, कु. लक्ष्मी विश्वमर्का, श्री जितेन्द्र विश्वकर्मा, श्री सुनील श्रीवास्तव, श्री सतेन्द्र सक्सेना, श्री बनेसिंह मेवाड़ा, श्री मेहरबान सिंह मेवाड़ा, श्री सुमित भूतिया, श्रीमती माधुरी उपाध्याय, श्री राहुल प्रजापत, श्री हरीओम मेवाड़ा, श्री विनोद पुष्प, श्रीमती कुशम मालवीय एवं समस्त स्टाॅफ एवं छात्र/छात्राऐं उपस्थित रहे।

