महामंडलेश्वर राष्ट्रीय संत दीपकदास जी शास्त्री की पेशवाई का किया स्वागत
रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर एमपी

आष्टा:- आस्थावान नगरी आष्टा धार्मिक क्षैत्र में संपूर्ण भारत में पहचान रखती हैं। मॉ पार्वती नदी के उद्गम स्थल के समीप स्थित यह नगरी धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। आष्टा क्षैत्र का सौभाग्य हैं कि परम पूज्य ब्रहमलीन महंत श्री रामेश्वरदास जी त्यागी जी महाराज की कर्म एवं साधना स्थली आष्टा में उन्होने मॉ अन्नपूर्णां मंदिर का पार्वती नदी किनारे भव्य निर्माण किया।

उन्ही के कृपा पात्र शिष्य एवं उत्तराधिकारी महंत दीपकदास जी शास्त्री (त्यागी) को प्रयागराज महाकुंभ में महामंडलेश्वर एवं राष्ट्रीय संत की पदवी से सम्मानित किया गया। महामंडलेश्वर दीपकदास जी शास्त्री ने संपूर्ण आष्टा क्षैत्र का नाम संत समाज में गौरवांवित किया हैं। उनके आध्यात्मिक नेतृत्व में आष्टा नगर एवं आष्टा क्षैत्र को संतो की कृपा मिलेगी तथा धार्मिक क्षैत्र में आष्टा क्षैत्र यथोचित स्थान पायेगा। उन्होने आष्टा नगर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई हैं।

उक्त आशय के उद्गार पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष कैलाश परमार ने महामंडलेश्वर राष्ट्रीय संत दीपकदास जी शास्त्री त्यागी जी के पेशवाई के सम्मान में व्यक्त किए। महामंडलेश्वर संत दीपकदास जी शास्त्री (त्यागी) ने कहा कि ब्रहमलीन महंत श्री रामेश्वरदास जी त्यागी की आशीर्वांद से फलीभूत महामंडलेश्वर की जो पदवी उन्हे मिली हैं, उसकी मर्यादाओं का सदैव पालन कर वे धर्म के मार्गं पर प्रशस्त रहकर सेवा कार्य से जुडे रहेगे। उनका ध्येय युवावर्ग को धर्म से जोडकर हमारी सनातनी परम्परा को आगे बढाने का रहेगा। उन्होने कहा कि आष्टा नगर को संपूर्ण भारत में एक अच्छी संस्कारवान व धार्मिक नगरी के रूप में पहचाना जाता हैं। आष्टा की पहचान ओर अटूट हो वे इस दिशा मंे भी सार्थक प्रयास करेगें।
परम पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज द्वारा संस्थापित प्रभु प्रेमी संघ द्वारा पेशवाई का स्वागत किया गया। पेशवाई में सम्मिलत संत छविदास त्यागी सतनगरी, उद्ववदास त्यागी सीहोर, उत्तमदास त्यागी, भागवत कथा वाचक कन्हैयालाल शर्मा सहित अन्य संतो का प्रभु प्रेमी संघ के संरक्षक कैलाश परमार, महासचिव प्रदीप प्रगति, सुरेश कामरिया, सुनिल प्रगति, निलेश चौरसिया, लालबहादुर मोटवानी, रवि सोनी कोठरी आदि ने स्वागत किया।


