रिपोर्ट राजीव गुप्ता आष्टा जिला सीहोर मध्य प्रदेश

नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. पुराणों के अनुसार, मां स्कंदमाता कमल पर विराजमान रहती हैं इसलिए उन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है. मां स्कंदमाता के गोद में छह मुख वाले स्कंद कुमार विरामान रहते हैं.

बुधवार को प्राचीन शीतला माता मंदिर में महा आरती संपन्न हुई
मां स्कंदमाता की पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है तथा शत्रुओं का विनाश होता है.नवरात्रि के पांचवें दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है। मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं।

मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं।मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं.स्कंद का अर्थ भगवान कार्तिकेय और माता का अर्थ मां है, अतः इनके नाम का अर्थ ही स्कंद की माता है।

देवासुर संग्राम के सेनापति भगवान स्कन्द की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कन्दमाता के नाम से जानते हैंवह विशुद्ध चक्र को नियंत्रित करती है।

उसका स्वामी ग्रह बुध है। वह एक योद्धा देवी, शक्ति या दुर्गा के सबसे उग्र रूपों में से एक है। हिंदू धर्मग्रंथों में उनका वर्णन तीन आंखों, काले बालों और अठारह भुजाओं वाली बताया गया है।


विशाल महाआरती 🚩
श्री खोकर वाली मैय्या जी के दरबार में कल रात्रि 8,30 बजे भव्य विशाल महाआरती का आयोजन रखा गया है, जिसमें आप सभी आष्टा नगर कि धर्म प्रेमी बंधुओ एवं माता बहने सःपरिवार सादर आमंत्रित हैं
दिनाँक :- 19 अक्टूबर दिन गुरुवार
*श्री प्राचीन खोकर माता मंदिर खेड़पती कमल तलाब आष्टा

प्राचीन शीतला माता मंदिर आष्टा में बुधवार को महा आरती संपन्न हुई
प्राचीन शीतला माता पर माता का किया विशेष श्रृंगार, हुई महाआरती,हुआ प्रसाद वितरण, चतुर्थी को रात्रि 8 हुई महानिशा आरतीमां शारदीय नवरात्रि महापर्व की आष्टा नगर में चारों ओर धूम मची हुई है विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम माता पंडालों में हो रहे हैं इन्हीं आयोजनों में आज नगर के प्राचीन शीतला माता मंदिर में विशाल महाआरती का आयोजन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के साथ संपन्न हुआ।


